मजेदार कहानी-पैसा कैसे डूबता है?

एक बार एक आदमी ने गांव वालों से कहा कि वो 100 रु. में एक बंदर खरीदेगा।  
 
ये सुनकर सभी गांव वाले नजदीकी जंगल की ओर दौड़ पड़े और वहां से बंदर पकड़-पकड़कर 100 रु. में उस आदमी को बेचने लगे…। 
 
कुछ दिन बाद ये सिलसिला कम हो गया और लोगों की इस बात में दिलचस्पी कम हो गई…। 
 
फिर उस आदमी ने कहा कि वो एक-एक बंदर के लिए 200 रु. देगा।
 
ये सुनकर लोग फिर बंदर पकड़ने में लग गए, लेकिन कुछ दिन बाद मामला फिर ठंडा हो गया…। 
 
अब उस आदमी ने कहा कि वो बंदरों के लिए 500 रु. देगा, लेकिन क्यूं कि उसे शहर जाना था इसलिए उसने इस काम के लिए एक असिस्टेंट नियुक्त कर दिया…। 
500 रु. सुनकर गांव वाले बदहवास हो गए, लेकिन पहले ही लगभग सारे बंदर पकड़े जा चुके थे। इसलिए उन्हें कोई हाथ नहीं लगा…।                                                   
तब उस आदमी का असिस्टेंट उनसे आकर कहता है… ‘आप लोग चाहें तो सर के पिंजरे में से 400-400 रु. में बंदर खरीद सकते हैं, जब सर आ जाएं तो 500-500 में बेच दीजिएगा…।’
 
गांव वालों को ये प्रस्ताव भा गया और उन्होंने सारे बंदर 400-400 रु. में खरीद लिए…। 
 
अगले दिन न वहां कोई असिस्टेंट था और न ही कोई सर… 
 
बस थे तो ‘बंदर ही बंदर’।
   

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