दिल छू जाने वाली शायरी
आज कल वो हमसे डिजिटल नफरत करते हैं, हमें ऑनलाइन देखते ही ऑफलाइन हो जाते हैं.. aaj kal vo hamse dijital napharat karte hain, hamen aunlaaen dekhte hi auphlaaen ho jaate hain. —————————————————— बेवफा...
आज कल वो हमसे डिजिटल नफरत करते हैं, हमें ऑनलाइन देखते ही ऑफलाइन हो जाते हैं.. aaj kal vo hamse dijital napharat karte hain, hamen aunlaaen dekhte hi auphlaaen ho jaate hain. —————————————————— बेवफा...
taras aata hai mujhe masoon si palkho parjab bheeg kar kahti hai ke ab aur roya nahi jata. —————— meri khusiyan tumhe bohut azeez thi naphir q nahi tum inhe apne saath le gaye....
चीज़ बेवफ़ाई से बढ़कर क्या होगी;ग़म-ए-हालात जुदाई से बढ़कर क्या होगी;जिसे देनी हो सज़ा उम्र भर के लिए;सज़ा तन्हाई से बढ़कर क्या होगी।
अब तो हमे उदास रहना भी अच्छा लगता है,किसी के पास न होना भी अच्छा लगता है,अब मैं दूर हूँ तो मुझे कोई फर्क नही पड़ता,क्योंकि मुझे किसी की यादो में आना भी अच्छा...
अब तो तबियत हमारी बिगड़ने लगी है,कोई चाहत जो हमसे बिछड़ने लगी है,आरज़ू जो कोई दिल में दबी रह गयी,अब बन के धुआँ कहीं उड़ने लगी है,हर अक्स तेरा दिल की गहराई में है,रूह...
कुछ मैं भी थक गया उसे ढूँढ़ते हुए,कुछ ज़िन्दगी के पास भी मोहलत नहीं रही,उसकी हर एक अदा से झलकने लगा खलूस,जब मुझको ऐतबार की आदत नहीं रही!
मोहब्बत में न अपना कोई ठिकाना रहा,सारी उम्र बस उनका आना-जाना रहा,हमने राज खुलने न दिए दिल के उनपर,खतों में हर्फ़ का लिखना मिटाना रहा।
जिंदगी से सिकवा नहीं की उसने गम का आदी बना दिया गिला तो उनसे है जिन्होंने रौशनी की उम्मीद दिखा के दीया ही बुझा दिया Jindagi se sikwa nhi ki usne gam ka aadi...
Ye Meri Mahobbat Aur Uski Nafrat Ka Mamla Hai,Ai Mere Naseeb Tu Beech Mein Dakhal-Andaji Mat Kar. ये मेरी महोब्बत और उसकी नफरत का मामला है,ऐ मेरे नसीब तू बीच में दखल-अंदाज़ी मत कर।...
आए खुदा क्या चीज मोहब्बत तू ने बनाईं हैं,किसी को ये मिल जाती है, और कोई सहता उम्र भर की तन्हाई हैं…!! बहुत थक सा गया हुँ खुद को साबित करते करते,मेरे तरीके...