Category: Ghazals

दिवाली ग़ज़ल

आँखों के दीये रौशन ,दिल नूर के प्याले हैं . क्या खूब दिवाली है ,क्या ख़ूब उजाले हैं . इस बार के मिलने पर एहसास ये जागा है . पहचान पुरानी है ,अंदाज़ निराले...

ख्वाब आँखों में…

ख्वाब आँखों में जितने पाले थे,  टूट कर के बिखर ने वाले थे।  जिनको हमने था पाक दिल समझा,  उन्हीं लोगों के कर्म काले थे।  पेड़ होंगे जवां तो देंगे फल,  सोच कर के...

हर एक चेहरे पर…

हर एक चेहरे पर मुस्कान मत खोजो,  किसी के नसीब का अंजाम मत खोजो।  डूब चुका है जो गंदगी के दलदल में,  रहने दो यारो उसमें ईमान मत खोजो।  फंस गया है जो मजबूरियों...

फूल से नाजु़क होंठों से…

इन फूल से नाजु़क होंठों से  गैरों की शिकायत ठीक नहीं,  बदनाम करें दिल वालों को ये  इनकी ये शरारत ठीक नहीं।  चंचल ये तेरे दो नैन मुझे  दिल का रोगी क्यों बनाते हैं, ...